धान के खेतों में कर दी सफेद खाद वाली ये गलती… 3 दिन में बर्बाद होगी फसल!
Paddy News धान की खेती किसानों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है, लेकिन अगर इसमें छोटी-सी गलती हो जाए, तो मेहनत पर पानी फिर सकता है। खासकर सफेद खाद यानी नाइट्रोजन का गलत इस्तेमाल फसल को बर्बादी के कगार पर ला सकता है। अगर सही समय और सही तरीके से नाइट्रोजन का उपयोग न किया जाए, तो सिर्फ 3 दिन में पौधे कमजोर हो सकते हैं और खतरनाक कीटों का हमला शुरू हो सकता है। आइए जानते हैं कि धान की फसल में उर्वरक का सही इस्तेमाल कैसे करें और किन गलतियों से बचें।
उर्वरक का महत्व और सही इस्तेमाल
धान की फसल को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए उर्वरक बहुत जरूरी हैं। ये मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं, जिससे पौधों का विकास अच्छा होता है। शाहजहांपुर जैसे इलाकों में किसान इन दिनों महीन धान की रोपाई कर रहे हैं। महीन धान में उर्वरक का सही इस्तेमाल और भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि गलत मात्रा या गलत समय पर खाद डालने से फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता बताते हैं कि उर्वरक की संतुलित मात्रा ही फसल को बेहतर बनाती है। संतुलित खाद से न सिर्फ उपज बढ़ती है, बल्कि लागत भी कम आती है। उर्वरक पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे फसल कीटों और बीमारियों से बची रहती है। लेकिन अगर नाइट्रोजन का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाए, तो यह फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है।
नाइट्रोजन की गलती, कीटों का खतरा
कई किसान धान की रोपाई के तुरंत बाद नाइट्रोजन (सफेद खाद) डाल देते हैं, जो सबसे बड़ी गलती है। रोपाई के समय नाइट्रोजन नहीं डालनी चाहिए। ऐसा करने से पौधे कमजोर हो जाते हैं और खतरनाक कीट जैसे तना छेदक या पत्ती लपेटक कीट आसानी से हमला कर देते हैं। नाइट्रोजन का ज्यादा इस्तेमाल पौधों को नरम और रसदार बना देता है, जो कीटों के लिए आसान शिकार बन जाता है। नतीजा, सिर्फ 3 दिन में फसल पीली पड़ने लगती है और बर्बादी की कगार पर पहुंच जाती है।
सही समय और सही तरीका
नाइट्रोजन का इस्तेमाल सही समय और सही तरीके से करना बहुत जरूरी है। डॉ. गुप्ता के अनुसार, नाइट्रोजन का छिड़काव रोपाई के एक हफ्ते बाद करना चाहिए, जब खेत में पर्याप्त नमी हो। इसके अलावा, नाइट्रोजन का छिड़काव तेज धूप में नहीं करना चाहिए, क्योंकि गर्मी में यह उड़कर वायुमंडल में चली जाती है और पौधों को फायदा नहीं पहुंचता। सुबह या शाम के समय नाइट्रोजन डालना सबसे अच्छा होता है।
किन बातों का रखें ध्यान?
धान की फसल में उर्वरक डालते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें:
- संतुलित मात्रा: हमेशा उर्वरक की संतुलित मात्रा का इस्तेमाल करें। ज्यादा खाद डालने से पौधे कमजोर हो सकते हैं।
- सही समय: रोपाई के तुरंत बाद नाइट्रोजन न डालें। 7-10 दिन बाद नमी की स्थिति में खाद डालें।
- मौसम का ध्यान: तेज धूप में नाइट्रोजन का छिड़काव न करें। सुबह 9 बजे से पहले या शाम 5 बजे के बाद खाद डालें।
- कीटों से सावधानी: नाइट्रोजन का ज्यादा इस्तेमाल कीटों को आकर्षित करता है। इसलिए कीटनाशक का भी सही समय पर उपयोग करें।
उर्वरक डालने का सही तरीका
नीचे दी गई तालिका में धान की फसल में उर्वरक डालने का सही तरीका और समय बताया गया है:
उर्वरक का नाम | मात्रा (प्रति हेक्टेयर) | उपयोग का समय | ध्यान रखने योग्य बात |
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एनपीके | 120-150 किग्रा | रोपाई के समय (बेसल डोज) | मिट्टी में अच्छे से मिलाएं |
डीएपी | 50-60 किग्रा | रोपाई के समय | मिट्टी की जांच के बाद डालें |
पोटाश | 40-50 किग्रा | रोपाई के समय | पौधों की जड़ों तक पहुंचाएं |
नाइट्रोजन | 50-60 किग्रा | रोपाई के 7-10 दिन बाद | सुबह या शाम को छिड़काव करें |
जिंक | 20-25 किग्रा | रोपाई के समय | मिट्टी में कमी होने पर डालें |
निष्कर्ष
धान की फसल में सफेद खाद यानी नाइट्रोजन का सही इस्तेमाल बहुत जरूरी है। गलत समय या गलत तरीके से इसका उपयोग करने से न सिर्फ फसल को नुकसान होता है, बल्कि खतरनाक कीटों का हमला भी बढ़ जाता है। किसानों को चाहिए कि वे उर्वरक की संतुलित मात्रा, सही समय और सही तरीके से उपयोग करें। इससे न केवल फसल की उपज बढ़ेगी, बल्कि लागत भी कम होगी और पौधे बीमारियों से बचे रहेंगे। कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेकर और मिट्टी की जांच करवाकर ही उर्वरक डालें। थोड़ी-सी सावधानी आपकी फसल को बर्बादी से बचा सकती है।